ऐ तकदीर लिखने वाले एक एहसान कर दे,
जिंदगी तो तेरी ही दी है
वो जिंदगी मेरे नाम कर दे.
हर लम्हा खोजती है ये निगाहे,
हर सूरत उससी हो,
ये भी तू ऐलान कर दे,
छुप – छुप के चाहते अरसो हुए,
वो मेरा ही है ये तू सरेआम कर दे
ऐ तकदीर लिखने वाले एक एहसान कर दे,
डर नहीं अब रहा किसी बात का,
कट रहा घना अँधेरा अब रात का,
उसकी परछाइंयों से रोशन,
हुआ ये “जहाँ” मेरा
अब मेरी दुआओ को भी,
उसके नाम कर दे
ऐ तकदीर लिखने वाले एक एहसान कर दे
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